परिवहन किसी भी राज्य की विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना है। झारखंड पूर्ण रूप से भूमि बंध राज्य है तथा यहां की नदियां पहाड़ी हैं जिसके कारण जल परिवहन की संभावना ना के बराबर है। यहां मुख्यतः सड़क और रेल ही परिवहन के मुख्य साधन हैं।

सड़क परिवहन (Road Transport)

झारखंड एक पठारी और पहाड़ी इलाका है इसलिए यहां पर निर्मित सड़कें ज्यादा मजबूत होती हैं। झारखंड में सड़कों की कुल लंबाई लगभग 12200 किलोमीटर है।
आजादी से पहले झारखंड में मुख्यतः सड़कों का निर्माण ब्रिटिश शासन द्वारा जनजातीय विद्रोहों पर नियंत्रण के लिए किया गया था। आजादी के बाद झारखंड में मौजूद अकूत खनिज संसाधनों के दोहन के लिए सड़क एवं रेल परिवहन के विकास में तीव्रता लाया गया। 
                       सड़क परिवहन    
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  राष्ट्रीय राजमार्ग        राजकीय राजमार्ग        जिला/ग्रामीण मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग(National Highway)

राष्ट्रीय राजमार्ग भारत सरकार के नियंत्रण में आता है। According to PIB झारखंड में 4 जुलाई 2019 तक राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल संख्या 30 है। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई लगभग 3400 किलोमीटर है।
    झारखंड के सबसे बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग घटते क्रम में --
 NH-33 {333.5 km}, NH-114A {298 km}, NH-23 {294.1 km}
        झारखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-133B है।
NH-33 एवं NH-100 का संपूर्ण विस्तार झारखंड में ही है।
Roadways of Jharkhand

राजकीय राजमार्ग (State Highway of Jharkhand)

राज्य की राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कें राजकीय राजमार्ग कहलाती है और इनका देखरेख राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
 झारखंड में सबसे लंबी राजकीय राजमार्ग दुमका-साहिबगंज राजमार्ग है जिसकी कुल लंबाई 183 किलोमीटर है। सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग रांची-रामगढ़ राजमार्ग है जिसकी कुल लंबाई 57 किलोमीटर है।

रेल परिवहन (Railway in Jharkhand)

Railway Network in Jharkhand

झारखंड में रेलवे मार्ग बिछाने का मुख्य मकसद यहां के खनिजों का दोहन एवं सेना के आवागमन में आने वाली सुविधा को समाप्त करना था जिसके लिए ब्रिटिश सरकार ने झारखंड में रेल पटरियों को बिछाने का कार्य प्रारंभ किया। 
      1854 में झारखंड की पहली रेलवे लाइन कोलकाता से रानीगंज तक बिछाई गई।
    झारखंड में रेल मार्ग की कुल लंबाई 1,943 किलोमीटर है। राज्य का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन धनबाद है जो रेलवे को सबसे अधिक राजस्व प्रदान करता है।
    झारखंड में तीन रेल मंडल हैं -- धनबाद (ECR), रांची (SER) तथा चक्रधरपुर (SER)।
       झारखंड में रेलवे क्षेत्र को मुख्यतया दो जोन में विभाजित किया गया है:-
(1) पूर्व मध्य रेलवे (ECR) - गढ़वा रोड, बरकाकाना, धनबाद(Rail Division), पारसनाथ....।
(2) दक्षिण पूर्वी रेलवे - रांची(Rail Division), मूरी, चांडिल, टाटानगर, चक्रधरपुर(Rail Division), लोहरदगा....।
 इसके अलावा झारखंड में तीसरा रेलवे जोन भी है परंतु उसका प्रबंधन मुख्यालय झारखंड में नहीं है।
(3) पूर्वी रेलवे - देवघर, जसीडीह, मधुपुर, साहिबगंज....।

वायु परिवहन (Air Transport in Jharkhand)

 झारखंड में सबसे पहले 1941 ईस्वी में रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा का निर्माण किया गया। चाकुलिया (जमशेदपुर), हजारीबाग तथा बोकारो में लघु श्रेणी का हवाई अड्डा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त झारखंड सरकार भारतीय विमान प्राधिकरण की सहायता से देवघर में हवाई अड्डे का विकास कर रही है।

♣ वर्ष 2015 में झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण का गठन राज्य में राज्य के महत्वपूर्ण सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं विकास हेतु किया गया है।